प्रेस रिलीज: 01 अक्टूबर 2020 बृहस्पतिवार पटना बिहार मुस्लिम अवर्नेस मूवमेंट् (IMAM) ने श्री पप्पू यादव, अध्यक्ष जन अधिका पार्टी को पत्र लिखकर कहा है कि बिहार में इस विधानसभा चुनाव के लिए उनके द्वारा बनाये गये तीसरे मोर्चे में एस डी पी आई ( PFI _ SDPI) को शामिल करना स्वागत योग्य कदम नहीं है।
अशर हाशमी, संस्थापक और अध्यक्ष, महासचिव यूनुस मोहानी और सचिव जहांगीर आदिल अलीग द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि जन अधिकार पार्टी नेतृत्व वाले मोर्चे को जनता के लिए स्वीकार्य होना चाहिए जबकि सत्ताधारी और विपक्ष दोनों गठबंधन जनता को स्वीकार्य नहीं हैं। आरजेडी का अहंकार और कांग्रेस पार्टी की कमजोर स्थिति ने स्थानीय लोगों में एक संशय की भावना पैदा कर दी है जो एक तीसरे विकल्प के लिए मददगार माहौल बनाता है और जन अधिकार पार्टी ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सराहनीय पहल भी की , लेकिन अब बाहरी लोगों और कट्टरपंथियों के साथ गठबंधन करके इस मोर्चे ने अपनी अपील खो दी है।
हमारा मूवमेंट किसी भी कट्टरपंथी ताकत के साथ होने से इंकार करता है और यह विश्वास रखता है कि बिहार में मुस्लिम समुदाय असांप्रदायिक रहा है और उसने मुख्य धारा के धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक समूहों में विश्वास को दोहराया है।
अगर ऐसा नहीं होता तो वे यूपी, तेलंगाना, केरल आदि प्रदेशों में जिस प्रकार मुस्लिम पार्टियों का उदय हुआ वैसा ही कुछ बिहार में अपना खुद का मुस्लिम राजनीतिक दल स्थापित कर लेते।
बिहार के मुसलमानों की इस राय और प्रथा को सभी को स्वीकार करने की आवश्यकता है लेकिन यह नहीं किया जा रहा है
हम मुस्लिम वोटों को विभाजित करने के किसी भी प्रयास की निंदा करते हैं और साथ ही हम बाहरी मुस्लिम बाहुल्य दलों की निंदा करते हैं जो बिना किसी जनाधार और बौद्धिक अपील के केवल मुस्लिम युवाओं में विभाजन पूर्व जैसा भयावाह उन्माद पैदा करते हैं।
आंदोलन की कोर कमेटी ने आज पटना में बैठक कर यह निर्णय लिया। और अपने इस फैसले से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है।

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