आज सभी टकटकी लगाए मैच देख रहे थे और फिर अचानक भारत हार गया जी नहीं मैं गलत कह गया भारत में अंग्रेजों का खेल खेलने वाली भारतीय किर्केट टीम अपना मुकाबला हार गई,अब आपका सवाल होगा कि यह कौनसी बेतुकी बात है तो जवाब में मैं बस आपको बहीखाता और बजट का अंतर ही समझाऊंगा।
आपको अब तो इतना समझदार हो ही जाना चाहिए कि आप समझ सकें कि गुलामी की कोई निशानी हमारे राष्ट्रवाद पर प्रहार की तरह है ,ऐसे ही नहीं ब्रीफकेस को लाल कपड़े में बदला गया है ،आखिर कितना बड़ा बदलाव आया इसके बाद सबकुछ जैसे हमें इंडियन से भारतीय लगने लगा ,लेकिन यह शेयर बाजार वाला पता नहीं क्या मामला है जो बहीखाता को पचा नहीं पा रहे हैं।
शायद ज़्यादा ऊंची छलांग मारने के चक्कर में ज़मीन पर आ गए वरना और कोई वजह तो दिखती नहीं मैं सही कह रहा हूं न? आप राष्ट्रवादी है और मैं भी कोई राष्ट्रद्रोही वाली बात क्यों करूं आखिर देश बदल जो रहा है। आइए आपको बधाई दूं आखिर इतना सजग प्रहरी हमारा प्रधानमंत्री है जिसकी निगाह हर तरफ रहती है ،इधर टीम इंडिया ने सेमीफाइनल मुकाबले में मुंह की खाई उधर दनदनाता हुआ ट्वीट आया हार जीत खेल का हिस्सा है ,यह हार जीत कितना बड़ा मसला है जिसपर प्रधानमंत्री का ट्वीट आना बहुत ज़रूरी था।

चमकी बुखार के प्रकोप का दर्दनाक मंजर

वैसे हार तो सैकड़ों बच्चे चमकी बुखार से भी गए और लगातार हार ही रहे हैं मगर गरीब की ज़िन्दगी कोई चिंता का विषय नहीं होती क्योंकि मरना तो उन्हें है ही चमकी बुखार से मरे ज़हरीली शराब से मरे या फिर मरे घटिया निर्माण से वह कोई टीम इंडिया थोड़े ही है जिनके ज़िन्दगी से हार जाने पर भी कोई शब्द बर्बाद किए जाएं।
चलिए सेमीफाइनल हारने का ग़म मनाया जाए

आखिर चमकी का कहर भुलाने के लिए तबरेज आया ,तबरेज को शांत दिल्ली के हौज़ काजी स्थित दुर्गा गली मंदिर ने किया जबतक बजट आ गया शेयर बाजार धड़ाम हुआ तो कर्नाटक के नाटक में हम सब मसरूफ हो गए आखिर हम भारतीय हैं ही इतने भोले अब गुणा भाग लगाने न बैठ जाइएगा कि मैं यह सब क्या कह रहा हूं ,बेकार अपना समय खराब करेंगे ज़रा अफसोस कीजिए सोशल मीडिया पर चर्चा कीजिए ,।

दिल्ली हौज काज़ी इलाके में शोभा यात्रा के दौरान भंडारा करते मुसलमान

आप बिल्कुल चिन्तित मत होइए क्योंकि हार पर प्रहार है ट्वीट इसको समझिए मैं ठहरा वहीं पुराना भारतीय इसलिए दिल्ली की बात करूंगा आपने देखा नहीं कैसे इंसानियत जीत गई ,शोभा यात्रा में भी मुसलमान भंडारा कर रहे थे हिन्दू भाई खा रहे थे ,नफरत वाले खिसिया रहे थे सही कहा न मैंने जी हां भारत के दिल दिल्ली में इंसानियत का वर्ल्ड कप भारतीय हिन्दू और मुसलमान ने इंसान बन कर जीत लिया मगर शुक्र है कोई ट्वीट नहीं आया।
दिल्ली में मोहब्बत की मिसाल हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की खूबसूरत कहानी कैमरे की जबानी

जडेजा और धोनी खूब खेले आपको बता रहा हूं ,केजरीवाल भी अभी क्रीज पर मौजूद हैं ,बीजेपी की अगली गेंद का इंतज़ार कीजिए और शुक्र भेजिए जिल्लेइलाही हार पर ट्वीट करते हैं।

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