हिन्दू धर्म में मंदिर का महत्त्व आपको बताने की ज़रूरत नहीं ,शिव जी का मंदिर,कृष्ण जी का मंदिर ,राम जी का मंदिर ,दुर्गा मंदिर ,लक्ष्मी मंदिर काली मंदिर और देवी सरस्वती का मंदिर पूरे भारत में आपको किसी न किसी देवता का मंदिर मिलेगा, हो सकता है हर जगह आपको राम मंदिर न मिले या कृष्ण मंदिर न मिले लेकिन आपको देवी सरस्वती के मंदिर हर जगह मिल जायेंगे ।
क्योंकि हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सरस्वती विद्या की देवी हैं ,लिहाजा जहां पढ़ने लिखने का काम होता है उन्हें विद्या का मंदिर ही कहा जाता है ,स्कूल हो,कॉलेज हो या फिर यूनिवर्सिटी सब विद्या के मंदिर हैं ,चाहे वह बनारस हिन्दू विश्विद्यालय हो या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अब सवाल है कि जब यह शिक्षा के मंदिर हैं तो फिर हिंदुत्व की बात करने वाली सरकार मंदिरों की दुश्मन कैसे?

योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश

श्री राम के अयोध्या में मंदिर बनाने के नाम पर सत्ता के शीर्ष तक पहुंची पार्टी को आखिर देवी सरस्वती के मंदिरों से कैसा बैर ? यह कौतूहल का विषय है कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री जो स्वयं एक मठ का मठाधीक्ष है कैसे एक मंदिर के खिलाफ हो सकता है,एक कर्मठ योगी कैसे एक मंदिर की अस्मिता को तार तार कर सकता है ?जी हां आप सही समझ रहे हैं मैं रामपुर के उस सरस्वती मंदिर की ही बात कर रहा हूं जिसका नाम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम पर है और जिसका निर्माण आज़म खान ने कराया है।

आपको मेरे यूनिवर्सिटी को बार बार सरस्वती मंदिर कहने पर ऐतराज़ हो रहा होगा ,मै जानता हूं लेकिन मै वहीं कह रहा हूं जो देश के बहुसंख्यक समाज की आस्था है और किसी की आस्था पर प्रश्न करने की इजाज़त मुझे मेरा मज़हब नहीं देता,वैसे भी देश में आस्था का महत्त्व इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद और बढ़ गया है ,तो मैं आस्था की ही बात कर रहा हूं और आप भी इसबात को समझने की कोशिश कीजिए।
आखिर जब विद्यालय देवालय की परंपरा और ईश्वर को जानने का मार्ग हैं तो कैसे कोई सच्चा सनातनी विद्यालय को तबाह करने का प्रयास कर सकता है यह सोचने वाली बात है।आज़म की दुश्मनी में शिक्षा के मंदिर को खंडित करने का प्रयास कैसे किया जा सकता है? आप सोचिए तो सही एक व्यक्ति की दुश्मनी में हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य खतरे में डालना किया राजधर्म है?
जौहर विश्विद्यालय का गेट,आज़म ख़ान

मैं आज़म खान के खिलाफ खड़े होने वाले लोगों से कोई सवाल नहीं कर रहा हूं ,क्योंकि किसी व्यक्ति से नाराज़ होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन उनकी बनाई संस्था वह भी जो समाज के ,देश के हित में हो उसका विरोध तो आपके गलत होने की चीख चीख कर गवाही देता है,और दे भी क्यों न आखिर जिस व्यक्ति का इतना लंबा सार्वजानिक जीवन है उसके उस जीवन में कमियां निकालिए ,उसके भ्रष्टाचार को उजागर करिए और उसे फांसी पर लटका दीजिए ,लेकिन अगर आप उसके राजनैतिक जीवन में कोई इस प्रकार का कृत्य नहीं ढूंढ पा रहे हैं तो यह या तो आपकी नाकामी है या उस शक्स का कमाल।
कुछ लोग आज़म खान द्वारा किसी मदरसे को तुड़वाने की फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं और जौहर विश्विद्यालय पर हो रही कार्यवाही को उसका अज़ाब बताने की कोशिश में हैं मै बस इतना ही कहूंगा कि उनकी यह बात साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जैसी ही बचकानी है जिसमें उन्होंने कहा था कि हेमंत करकरे को उनका श्राप लगा, समझ रहे हैं न आप मुझे आपकी आज़म दुश्मनी पर कुछ नहीं कहना वह आपका व्यक्तिगत मामला है मेरा विषय मंदिर है।
किताब चोर आज़म ख़ान अजब इंसान है जो मंत्री रहते हुए ज़बरदस्ती लोगों की ज़मीन तो लिखवाता है लेकिन किताब चोरी करता है ,यह कैसा भूमाफिया है जो पुरानी किताबे चोरी करता है और मनी लांड्रिंग भी करता है ,अब तक भूमाफिया को किताब चोरी करते नहीं देखा गया लेकिन यह मामला काफी दिलचस्प है,मौका बातों को मज़ाक में उड़ाने का नहीं है मौका है पीढ़ियों के भविष्य को सहेजने का उन्हें संवारने का,ज़रा देखिए तो सही कहीं एक व्यक्ति की दुश्मनी में हम देश का बड़ा नुकसान तो नहीं कर रहे ।

आज़म खान ने मंदिर बनाया है तो आप मोहम्मद गौरी क्यों बनना चाहते हैं ?देवी सरस्वती के इस मंदिर में जहां हर ओर विद्या का गुणगान है आखिर इस मंदिर को क्यों उजाड़ना चाहते हैं प्रदेश के मुखिया ,आखिर बताइए तो सही व्यक्ति की दुश्मनी है तो संस्था से बदला क्यों ? आज़म ख़ान से चाहे जितने वैचारिक मतभेद हों लेकिन उनकी बनाई संस्था याकीनन प्रशंसा योग्य है उसे सहेजा जाना चाहिए ,आज़म की दुश्मनी में बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ तो राजधर्म नहीं ,अगर आप सहमत है तो शिक्षा के इस मंदिर को खंडित होने से बचाना होगा।
यूनुस मोहानी
9305829207,8299687452
younusmohani@gmail.com

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