बिकाऊ रहनुमा और बेईमान कयादत से पल्ला झाड़ने का वक़्त – 4

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देश के बहुत से लोगों तक शायद यह खबर नहीं पहुंची होगी कि अपने ज़बरदस्त बयानों की वजह मुसलमानों की आवाज़ के तौर पर खुद को पेश करने वाले सियासी रहनुमा और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के गृह राज्य तेलंगाना की विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने की भारत सरकार से मांग का प्रस्ताव सर्व सहमति से पारित किया गया साथ ही हैदराबाद विश्विद्यालय का नाम भी उनके नाम पर किए जाने का प्रस्ताव किया गया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने देश के लिए जो किया वह सराहनीय है उसे भुलाया नहीं जा सकता इसके लिए उन्हें यह सम्मान अवश्य दिया जाना चाहिए । वैसे यह खबर कोई मायने नहीं रखती लेकिन जब इसे ऐसे देखा जाता है कि तेलंगाना सरकार को आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लमीन का समर्थन है जिसके नेता बाबरी मस्जिद मामले में चीखते रहे हैं ,सिर्फ इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री को भी बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में दोषी मानते रहे हैं और इस बात को लगातार कहते रहें हैं ऐसे में उनकी हिमायत वाली सरकार का यह कारनामा हकीकत बयान करता है।
हालांकि वह कह सकते है कि हमने इसका विरोध किया और उस दिन विधानसभा से वॉकआउट किया लेकिन यह कोरी ड्रामेबाजी से अधिक कुछ नहीं जबकि अगर वह वाकई अपने मुद्दे पर रहते तो ज़रूर प्रस्ताव के विरोध में वोट करते और प्रस्ताव की कॉपी को वैसे ही फाड़ा जाता जैसा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद के भीतर तीन तलाक़ बिल की कॉपी को फाड़ा था ,लेकिन ऐसी हिम्मत तब की जा सकती है जब लोगों को मूर्ख बनाने की सियासत न की जा रही हो।इससे साफ समझ में आता है कि समाज के लिए नहीं अपने लिए राजनीत की जा रही है ,यही वजह है कि समाज अब किसी पर भरोसा करने में खुद को सक्षम नहीं पा रहा है।
मजलिस का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी सेक्रेटेरिएट मस्जिद मामले में भी उनकी चुप्पी ने उनको बेनकाब किया है दरअसल हमारे सियासी रहनुमाओं का यही हाल है ,हमें इसे खूब समझना होगा और धोखे से बचना होगा क्योंकि आपको धर्म की अफीम चटाकर बुद्धि भ्रष्ट करने वाले कम नहीं है लिहाज़ा हमें इसपर विचार करना होगा कि भारत में मुस्लिम आर एस एस या मुस्लिम बीजेपी को किसी भी कीमत पर न पनपने दें बल्कि भारत के सेक्युलर मिजाज़ को समझते हुए सियासी क़दम उठाये जायें यह हमारे और देश दोनों के हित में है ।
यह एक चेहरा तो सियासी रहनुमा का था आइये आपको मज़हबी कयादत की तरफ ले चलते हैं जहां कुछ ऐसा चल रहा है जिसे समझना आसान नहीं है मौलाना सलमान नदवी का नाम तो आपने सुना ही होगा जो पहले नहीं जानते थे वह भी उनके बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मुद्दे पर आमसहमति बनाने वाली बात से जान गए होंगे ,वैसे मौलाना ने एक खत आई एस आई एस के कमांडर अबुबक्र अलबगदादी को लिखा था जिसमें उसे मुबारकबाद दी गई थी उसके बाद से मौलाना के सुर बदले बदले हैं क्यों इसे आप समझ सकते हैं खैर अब मौलाना ने सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों के खिलाफ मोर्चा खोला है और उन्होंने इसे फ्रॉड के अड्डे करार दिया खैर उनका यह बयान अगर आप सिर्फ बयान की तरह सुने तो आपको काफी हद तक सच लगेगा बल्कि यूं कहें कि सच ही है लेकिन जिस वक़्त यह सच बोला गया और उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कार्यवाही की उसने एक दूसरी हकीकत से पर्दा उठा दिया।
दरअसल मौलाना के सरकारी सहायताप्राप्त मदरसों के खिलाफ बोलने के बाद योगी सरकार ने मदरसों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश कर दिए और अब वह दिन दूर नहीं कि कितने मदरसों पर ताला लगेगा और कितने लोग बेरोजगार होंगे जिनका इस पूरे मामले में कोई कुसूर नहीं है लेकिन उनकी रोज़ी भी छिनेगी मुझे तफसील से बताने की ज़रूरत नहीं आप समझदार हैं समझ रहे होंगे कि मौलाना ने इस वक़्त यह बात छेड़ कर किसको फायदा पहुंचाया है ,उनसे भी सवाल पूछा जाना चाहिए कि अब तक आप खामोश क्यों थे यह आज तो नहीं हुआ है आप तब क्यों नहीं बोले ?
यह हाल सिर्फ इनका नहीं लगभग सभी मज़हबी कयादत का दावा करने वालों का है,जिसमें से कुछ ख़ामोशी से अपना करतब दिखा रहे हैं और कुछ खुलकर सामने आ गए हैं सियासी बाज़ार में सभी बिकाऊ रहनुमा और बेईमान क़ायद आपके सरों का सौदा कर रहे हैं,बिहार में सारी इमारतों से लेकर हुजरों तलक सियासत के जादूगर पहुंच गए हैं अब आपको इनकी हाथ की सफाई से बचना होगा ।
कौम के पास सियासत सखने का यह बेहतरीन अवसर है इसलिए अपनी ऊर्जा कंगना राणावत और रिया चक्रवर्ती का विरोध या समर्थन करने में खर्च मत करिये बल्कि इससे दूरी बनाकर एक ईमानदार राजनैतिक विकल्प के लिए सोचिये।
राह अगर आसान नहीं है तो नामुमकिन भी नहीं है और जो चीज मुमकिन है उसे हासिल किया जा सकता है लेकिन इसके लिये हमें मज़हबी नशे से दूर रहना होगा जो अलग अलग रूप में आपको मिलेगा ,सच को समझिये ,जहां कट्टरपंथ से आपको बचना है वहीं आस्था के नाम पर शोषण करने वालो की पहचान भी करनी है ।
यूनुस मोहानी
9305829207,8299687452
younusmohani@gmail.com

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