लोकसभा चुनाव में हार के बाद जहां गठबंधन चटक गए यहां टूटना शब्द उपयुक्त नहीं लगा इसलिए चटकना सही है वहीं झूठी समीक्षा बैठके खतम हो गई ,देश की सबसे पुरानी पार्टी में अभी इस्तीफे के खेल का अंत नहीं हुआ है और लगातार खबरे आ रही हैं कि राहुल गांधी मान नहीं रहे सिवा एक ममता दीदी के
सम्पूर्ण विपक्ष वापिस अपने बड़े बंगलों के एसी कमरों में जा चुका है आखिर गर्मी भी बहुत है और अभी थोड़ा आराम तो बनता है।
यह बात और है कि राजनीति एक पूर्णकालिक निरंतर चलती रहने वाली प्रक्रिया है लेकिन अब इन बातों का कोई महत्व नहीं है।बिहार में संपूर्ण शांति बहाल है विपक्ष आराम के मूड में है अभी चुनाव जो बहुत दूर है जब चुनाव आयेगा फिर गठबंधन करेंगे नामांकन के अंतिम दिन सीट बांटेंगे और किसी को लड़ा देंगे जनता इन्हे वोट देगी और यह सत्ता में वापिस आएंगे ,हालांकि योजना बुरी नहीं है तेजस्वी आखिर ओजस्वी नेता हैं ,यादव उनके साथ हैं मुसलमान बंधुआ हैं कौन मेहनत करे फिर बाकी मांझी,कुशवाहा सब है ही मिलजुल कर जीत लेंगे बिहार।
हाल उत्तरप्रदेश का भी ठीक ही है बस कुछ क़त्ल हुए हैं कुछ बलात्कार मगर इसमें विपक्ष क्या कर सकता है उसकी कोई ज़िम्मेदारी थोड़ी है यह विषय कानून व्यवस्था का है मौजूदा सरकार समझेगी आखिर बहनजी से क्या मतलब ! दलितों ने तो वोट दिया है वह तो यादव साथ नहीं खड़े हुए लिहाज़ा सपा से गठबंधन नहीं रहेगा
चिंता करे सपा क्योंकि जितनी हत्या हुई है तो उनमें अधिकतर मरने वाले यादव हैं बहनजी अपने आलीशान बंगले में हैं कोई परेशानी नहीं है।
अखिलेश जी ने समीक्षा कर ली है ,नेता जी ने गुरुमंत्र दे दिया है,जवानी कुर्बान गैंग मुस्तैद है शिवपाल को किसी भी कीमत पर नहीं लेना है यानी बात पूरी हो गई और अभी उत्तरप्रदेश चुनाव में यूं भी ढाई साल का लंबा समय है तो आराम किया जाए जब चुनाव आयेगा तब देखेंगे कि क्या कुछ संभावना है या नहीं वरना कह देंगे ईवीएम की वजह हम हार गए।
हालांकि शिवपाल अपनी नई नवेली पार्टी के कील कांटे दुरुस्त कर रहे हैं जनांदोलन की बात भी कर रहे हैं, मैराथन बैठक पर बैठक चल रही है आखिर क्यों ? सवाल तो बनता है कि अभी हालिया चुनाव में हार के बाद इतनी तेज़ी क्यों तो बात समझ आती है कि खांटी नेता है विपक्ष की भूमिका जानता है और शायद भुट्टा भी नहीं खाता।
जब चारों तरफ ख़ामोशी है ऐसे में प्रचंड बहुमत पाने वाली बीजेपी अपने काम में नए लक्ष्य के साथ जुट गई है ,अमित शाह ने फिर कहा है कि पूरे जोश से जुटना होगा क्योंकि अभी हमारा ध्येय अधूरा है बंगाल,दिल्ली,उड़ीसा,बिहार यहां तक कि केरल पर भी कब्जा करना है विपक्ष बंगाल में सरगर्म है हालांकि ममता लड़ रही हैं लेकिन बाकी जगह खामोश तो जनता ख़ामोशी समझ रही है और सिर्फ संघर्ष के साथ है बाकी गर्मी बहुत है आइए भुट्टा खाएं।