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बताइए आप क्या चाहते हैं ?सवाल आपसे सीधा है लेकिन आप इस सीधे सवाल का जवाब देने में हिचक जो रहे हैं ,जरा बताइए इतनी लोक कल्याणकारी सरकार से भी कोई सवाल करता है जिसे सीधे तौर पर लोगों की भूख की चिंता हो उससे भला कुछ पूछा जाना चाहिए ? नहीं बिलकुल भी नहीं आप होते कौन हैं पूछने वाले आपकी हिम्मत भी नहीं होनी चाहिए आखिर जिंल्लेइलाही ने बैतुलमाल (सरकारी ख़ज़ाना) का मुंह आम जनता के लिए खोल दिया है ,देश के 80 करोड़ लोगों को राशन दे रही है सरकार,अब आप संतोषी की बात मत करने लग जाइए कि उसके अंतिम शब्द थे “भात,भात,भात,” आखिर कई दिन से भूखी थी खैर जाने दीजिए तनिक सोचिये तो सही कुल 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोग राशन की लाइन में हैं सरकार ने कितना विकास कर डाला।
संतोषी की मां संतोषी की लाश को गोद में लिए जिसकी भूख से मौत हो गई
देश बहुत मज़बूत हुआ है यह सत्ता से बाहर बैठे लोगों को अखर रहा है इसी लिए बेतुके सवाल पूछ रहे हैं ज़रा सोचिए कितने एयरपोर्ट नए बन गए,कितने मेडिकल कॉलेज कितने एक्सप्रेस वे अब यह कौन सी बात हुई कि आप गिना रहे हैं यह वाला रेलवे स्टेशन बेचा वो वाला पोर्ट बेचा इल्ज़ाम की भी हद होती है साहब ऐसा भी क्या कि मुगलों वाला लालक़िला भी किराए पर उठा दिया अरे आपको चैन क्यों नहीं आता जो नया बना उसपे आप खुश नहीं होते जो पुराना बिकने का राग अलाप रहे हैं,आप लोग गांव के उन बूढ़े लोगों जैसा सोचना क्यों नहीं बंद करते जो पुश्तैनी ज़मीन बेचकर शहर में 1000 स्क्वायर फिट के फ्लैट ख़रीदने पर बेटे की आलोचना करते रहते हैं कि खरीदना था तो अपनी कमाई से खरीदता बाप दादाओं की ज़मीन बेचकर छोटा सा मकान ख़रीदा है।
राशन की लाइन में बैठी महिलाएं
अरे कोई एक बात हो तो समझाए कोई यहां तो सिवा आलोचना के कुछ नहीं, किसी को नहीं दिखता कि जिल्लेइलाही लगातार मेहनत करके योजना बना रहे हैं देश के नवजवानों को आत्मनिर्भर बनाने की इसीलिए तो अग्निवीर योजना लाए हैं।

कि देश के युवा 4 साल की नौकरी के बाद तेज़ी से उगते कंक्रीट के जंगल में गार्ड की नौकरी के क़ाबिल तो हो जायेंगे यानी उनके कौशल का विकास होगा और बेरोज़गारी भी दूर होगी ,लेकिन निकम्मा विपक्ष है कि उसमें भी 100 कीड़े निकालने में तुला है,और ज़िल्लेइलाही के एक सिपाहसलार ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी के हाईटेक जनपदीय कार्यालयों में भी तो गार्ड की नौकरी निकलेगी उसमें भी समायोजन हो जायेगा आखिर इलेक्ट्रोरल बांड से इतने हाईटेक कार्यालय बनाये गये हैं उनकी सुरक्षा का भी तो सवाल है।

आप भी ख़ूब हैं अब इलेक्ट्रोरल बांड पर भी रार है आपको कोई नहीं दे रहा तो उसमें मुखिया की क्या ग़लती आप सत्ता में नहीं हैं तो आपको कोई क्यों दे ,आप क्यों पूछ रहे हैं कि यह किसने दिये अब दिये तो दिये और यह सब आप क्यों पूछ रहे हैं जब जनता को पूरी राहत मिल रही है हर गांव में पक्के मकान ,हर घर में बिजली , हर घर में नल,घर घर गैस और कितनी समृद्धि चाहिए ?

कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय

इससे क्या फर्क पड़ता है कि महंगाई बहुत बढ़ गई है और पेंशन ख़तम होने से कौन सा पहाड़ टूट जायेगा जहां 80 करोड़ को राशन मिल रहा है वहां 120 करोड़ को मिल जायेगा , दवा इलाज की कोई दिक्कत नहीं है ,वैसे भी आयुष्मान तो दिया है अब यह कोई नेहरू जी का ज़माना नही है जो लोग सवाल करेंगे ,वैसे भी सरकारी कंपनी बेची है तो कोई नुकसान नहीं है अदानी जी को सफलता का मंत्र पता है वो उसे और बढ़िया चलायेंगे वह दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति बनेंगे तो नाम देश का होगा कि दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति भारतवासी है कितना गर्व का विषय है।

अब यह मूर्खता भरी बात मत कीजियेगा कि लोग गरीबी के दलदल में डूब रहे हैं कोई लिस्ट दुनिया के सबसे गरीब व्यक्ति की नहीं बनती जिसमें भारत का नंबर दिखेगा वरना यहां भी हम बाज़ी मार लेते , एलआईसी और स्टेट बैंक के कुल जमा 80करोड़ निवेशकों की आपको क्यों फिक्र है राशन 80 करोड़ को ज़िल्लेइलाही पहले ही दे रहे हैं आप समझदार तो हैं समझे की नहीं ?और सुनिए एक बात यह फर्जी वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में भारत के स्थान वाला बेमाना सवाल भी मत पूछिए नेहरू जी हैं? इसके ज़िम्मेदार देश में जो भी गलत हुआ या हो रहा है या होगा उसकी ज़िम्मेदार पिछली सरकारें हैं उनकी ग़लत नीतियों का नतीजा है यह सब।???

आपको गुस्सा बहुत आ रहा होगा मेरी बेतुकी बातों पर अरे मैने क्या गलत कहा वही तो कह रहा हूं जो ईडियट बॉक्स यानी टेलीविज़न में बैठा एंकर बता रहा है और व्हाट्सएप विश्विद्यालय के माध्यम से जिसकी शिक्षा जन जन को ज्ञानी बना रही है ,यहां मेरे तेरे की कोई बात नहीं है अब यह ज्ञान की बाते वह लोग क्या जाने भला जो देश में एक यात्रा में पैदल चल रहे थे जबकि ज्ञान हासिल बैठ कर होता है पैदल चलने वालों को ज्ञान दिया जाता है।
कश्मीर में अमन कायम है हर तरफ केसर की खुश्बू है लोग इस क़दर खुश हैं कि कुछ तो खुशी में पागल होकर मर जा रहे हैं लोग गरीबी और परेशानी में मरने की अफवाह फैला रहे हैं यह कोई नेहरू जी का समय नहीं और न उनकी सरकार ज़िल्लेइलाही ने 370 पर वार किया और सब बदहाली को खुशहाली से बदल दिया ।

अब इनको देखिए सवाल पूछने आए हैं कि अदानी से क्या रिश्ता है अरे बता तो रहे हैं 80 करोड़ को राशन दिया है अब जवाब नहीं देंगे क्योंकि लोगों को राशन चाहिए जवाब नहीं ,मतलब भरोसा राशन पर टिका है राशन हटा भरोसा धाराशाही वैसे ही जैसे अदानी से निवेशकों का भरोसा हटा और नम्बर 2 से लुढ़के तो 10 की लिस्ट से बाहर होते देर नहीं लगी यह हाल भरोसे का है ।

वैसे 24 अगस्त 2016 में उड़ीसा से आई दाना मांझी की तस्वीर आप भूल तो नहीं गए वही कांधे पर लाश लिए एक भारत का लाल याद आया हालांकि सरकार से इसे मत जोड़िए लेकिन गलती तो नेहरू की ही है अगर मीडिया को सख्ती में रखते तो भारत को बदनाम करने वाली कोई ऐसी तस्वीर कैसे आती बताइए,अभी देखिए ज़िल्लेइलाही ने सब काबू में रखा है मजाल है कोई जांच एजेंसी अदानी की जांच की बात भी करे ,लेकिन अगर किसी ने विपक्ष में रहकर कोई काला धन कमाया तो बच नहीं पायेगा और भ्रष्टाचार न भी निकले लेकिन जांच जरूर होगी समझें।
अब खबरदार कोई जवाब नहीं मांगेगा राशन दे दिया गया है अगर जवाब चाहिए तो क्या राशन गवाने का रिस्क लेंगे आप नहीं न इसी का नाम भरोसा है और भरोसे पर सरकार टिकी है।

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