12 जनवरी /आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड ने इंडियन सिविल सर्विसेज़ टापर शाह फैसल के इस्तीफे को एक बचकाना और जज्बाती क़दम बताते हुए कहा है कि उनके इस क़दम से उन तमाम मुस्लिम नवजवानों के हौसले को गहरा आघात पहुंचा है जो उन्हें अपना आइडियल मान रहे थे और सिविल सर्विसेज़ में जाने की तय्यारी कर रहे थे .
बोर्ड ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि उनका यह फैसला कश्मीर के नवजवानों के हक में नहीं बल्कि कश्मीरी आवाम को नुक्सान पहुँचाने वाला है क्योंकि उनके इस क़दम से लोगों में एक अविश्वास की भावना पैदा होगी जो उनके लिए घातक है .शाह फैसल ने जब सिविल सर्विसेज़ में टॉप किया तो कश्मीर के तमाम नव्जावानो में एक हौसला पैदा हुआ और उन्हें एक बेहतर राह दिखी कि इस तरह वह मुख्य धारा का हिस्सा बनकर तरक्क़ी भी कर सकते हैं और लोगों की मदद भी .
शाह फैसल के इस फैसले से जहाँ उस विचारधारा को बल मिलेगा जो नवजवानों को वरगला कर आतंकवाद की तरफ मोड़ने के काम में लगी हुई है वहीँ उन नवजवानों को नुक्सान होगा जिनके हौसले पस्त हुए हैं .

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