आप आज फिर मेरी बात से चौक गए होंगे क्योंकि अब आपको भी भेड़चाल चलने की बुरी आदत जो लग गई है ,आप अपनी बुद्धि को आराम करवाने पर तुल गए हैं शायद इसीलिए आपको मेरी बात अजीब लग रही होगी, देखिए मेरे द्वारा कही गई कड़वी बातों का बिल्कुल बुरा मत मानिए यह मात्र इसलिए कहीं मैने ताकि जान सकूं कि आप कुछ सुन कर या जान कर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने की स्थिति में बचे भी हैं या फिर आपको झूठ की वैक्सीन ने अपने असर में लेकर बिल्कुल उदासीन कर दिया है।

खैर यह बात आपको अजीब लगी है और आप अभी समझने और सोचने की स्थिति में हैं ऐसा समझा जा सकता है शायद इसीलिए आपके साथ यह खेल खेला जा रहा है आइए अब मुद्दे की बात करते हैं आजकल व्हाट्सएप ग्रुप हों सोशल मीडिया का कोई भी प्लेटफार्म हो हर जगह एक ही तरह की वीडियो और चर्चा सुनने को मिल रही है धीरेंद्र शास्त्री यानी बागेश्वर धाम वाले बाबा जी वही जो पर्चे काट देते हैं ,सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं मेन स्ट्रीम मीडिया पर भी घंटों वही दिखाए जा रहे हैं ।

अब समझ गए होंगे न आप मैं किसकी बात कर रहा हूं आपके सामने भी उनकी छवि घूमने लगी होगी आखिर हर वक्त तो आप भी उन्हें देख रहे हैं, अब यहां पर आपकी इजाजत के बिना आपसे एक सवाल पूछता हूं कि क्या भारत का सारा दर्द या सारा विकास का रास्ता बागेश्वर धाम से ही निकलना है ? मुझे मालूम है कि अभी आप पर इतना असर तो नहीं हुआ कि जवाब हां में दे दिया जाए। चैनल पक्ष और विपक्ष दोनों को तैयार कर दिखा रहा है कुछ लोग सीधे तौर पर इसे सनातन पर हमला बता रहे हैं और इसे हिंदू धर्म पर निशाना बताने पर आ तुले हैं यानी पूरी पिच तैयार कर ली गई है जिसपर खेल खेला जा रहा है।

बिहार में जातिगत जनगणना पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने से इंकार कर दिया गया है वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरित्र मानस की चौपाई पर टिप्पणी की गई यह सब देश में चल ही रहा है लेकिन इन सब से वो सवाल नहीं दब रहे हैं जोकि बेरोजगारी ,महंगाई ,और सरकारी संपत्ति बेचने पर लगातार राहुल गांधी द्वारा पूछे जा रहे हैं क्योंकि जातिगत जनगणना से सामान्य वर्ग को छोड़कर किसी को परेशानी नहीं सब खुश हैं वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री की बात उनका विचार है जिसपर लगभग सभी खामोश हैं या बड़ा बचकर बोल रहे हैं तो ऐसा मुद्दा दरकार था जिसे देखने में दर्शक को मजा भी आए और वो कुछ दिमाग के घोड़े भी न दौड़ाए।
तो बस आपकी खिदमत में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को ला खड़ा किया मीडिया ने ,कि अब कोई काम की बात मत सुनिए आइए देखिए कृपा कहां रुकी है दरअसल भारत जोड़ो यात्रा में जिस तरह से लोग जुट रहे हैं और मीडिया की मजबूरी बन गई है कि इसे दिखाया जाए जिससे सत्ता पक्ष में कहीं न कहीं एक भय की लहर है तो भारत की भोली भाली आवाम को धाम में फंसा कर काम किया जा रहा है।

अब आप बात समझने लगे होंगे कि मैं क्या कह रहा हूं ,भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम चरण में है और 30 जनवरी को श्रीनगर में इसका समापन होना है जैसे जैसे यात्रा बढ़ रही है सरकार के दावों की पोल खुलती जा रही है वहीं लाख प्रयास और अनेकों संसाधन खर्च कर राहुल गांधी की छवि बिगाड़ने की जो कोशिश की गई थी वो भी विफल हो चुकी है अब लोग राहुल गांधी को सुनने लगे हैं ,उनकी बात को और स्वयं उन्हें गंभीरता से ले रहे हैं, राहुल लगातार खुद को और मजबूत करते दिख रहे हैं ,वहीं कांग्रेस में भी दोहरा जोश दिख रहा है और वो भी बीजेपी के हर सवाल का जवाब करारा दे रही है हाल में जितनी भी बात सत्ता पक्ष ने राहुल या यात्रा पर कही उसमें से अधिकांश पर उसे मुंह की खानी पड़ी।

लिहाजा बस एक ऐसा खेल खेला गया जिससे अधिक से अधिक समय यात्रा या राहुल को मीडिया से दूर रखा जा सके और मीडिया को काम दे दिया गया बाबा का ड्रामा दिखाने का जिसे लोग रुचि लेकर देख रहे हैं मीडिया की टीआरपी बढ़ रही है और सत्ता पक्ष का बीपी कंट्रोल हो रहा है।अब बाबा के चैलेंज में क्या निकलेगा नहीं पता लेकिन विपक्ष का चैलेंज फिलहाल धाम की खबर के नीचे है यानी निशाना श्रीनगर है समझे बाबू मोशाय।।।।।।।

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