13 मई 2020 बुधवार लख़नऊ मौलाना हसरत मोहानी की पुण्येतिथि क अवसर पर उनकी मजार पर मौलाना हसरत मोहानी कौमी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा गुलपोशी और फतिहाख्वानी की गई इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए फाउंडेशन के चेयरमैन यूनुस मोहानी ने कहा कि मौलाना जैसी शक्सियत की जरूरत मुल्क और समाज को सदा रहती है जब ऐसे नाज़ुक हालात हैं तब तो हमें हसरत जैसी इमानदार लीडरशिप की तलाश होती है
यूनुस मोहानी ने कहा कि 2020 में देश जब कोरॉना महामारी के चलते लाकडाउन है और मजदूरों और गरीबों की दुर्दशा देखी नहीं जा रही ऐसे में स्वदेशी मंत्र दिया गया है।यह इक्कीसवीं सदी है जबकि हसरत बीसवीं सदी की शुरुआत में ही इस मंत्र को लेकर चले और रसेलगंज अलीगढ़ में मोहानी स्वदेशी स्टोर खोल दिया सिर्फ इतना ही नहीं हसरत इस बात से संतुष्ट नहीं हुए कि यह तहरीक बस इतनी रहे उनका मानना था देश के हर बड़े शहर में यह स्टोर होने चाहिए हम अपने मुल्क को ताक़त तभी दे सकते हैं जब हम सब खुद बनाया हुआ इस्तेमाल करें।हसरत जिस वक़्त यह बात कर रहे थे उनके तन पर कोई विदेशी सामान नहीं था यही ईमानदारी का कमाल है।
यानी कथनी और करनी में कोई अंतर न होना हसरत ने कानपुर में भी खिलाफत स्वदेशी स्टोर लिमिटेड की स्थापना की यह एक सच्चे देशभक्त कि राष्ट्र के प्रति ईमानदार सोच है,हसरत मोहानी ने रात भर कापना पसंद किया लेकिन विलायती कम्बल को हाथ न लगाया इसी लिए आज देश को हसरत की तलाश है ,कोई भी नारा तब तक कामयाब नहीं हो सकता जबतक उसे देने वाला खुद उसपर अमल न करे।आज आत्म निर्भर भारत का मंत्र आया है देश का प्रत्येक व्यक्ति इसका समर्थक है लेकिन इसे सिर्फ नारा न बनाया जाए तो हसरत को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी क्योंकि उनकी पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या पर यह नारा देश के प्रधानमंत्री ने दिया है हम चाहते हैं इसे ज़मीन पर उतारा जाये तभी देश के इस बेटे को सही श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर संस्था के महामंत्री एडवोकेट परमानंद,उपाध्यक्ष मोहम्मद मोनिस,सय्यद मोहम्मद अज़ीम नकवी( कैफ़ी),मोहम्मद इरफान उर्फी ,इकराम मोहम्मद फरीदी मौजूद रहे, लाकडाउन की वजह देश में बाकी हर प्रकार के भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक के चलते इस बार मजदूरों की सेवा कर हसरत को अकीदत के फूल पेश किये गये।

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