आप ही बताइए आपके भी तो बहुत से दोस्त होते हैं और उनमें से कुछ दोस्त आप पर अपना बहुत हक समझते हैं जब परेशानी में होते हैं तो कई बार आपसे गुस्से में कहते हैं देखो मुझे यह चाहिए दिया तो सही वरना सोच लो फिर मुझसे उम्मीद मत रखना ,बस इतना ही तो किया है हमारे प्रधानमंत्री के दोस्त डोनाल्ड ट्रंप ने भी ,अब दोनों बड़े पदों पर हैं तो बात बड़ी है लेकिन आप लोगों को तो बस कोई न कोई बहाना चाहिए आलोचना का ।

अब ज़रा देखिए दोस्त की उदारता उसने कुछ नहीं देखा कि लोग क्या कहेंगे ? इससे दुनिया में क्या संदेश जायेगा ? देश वासी इसे किस तरह देखेंगे ? हालांकि मोदी जी जानते हैं देश के लोग उनकी भावनाएं समझते हैं ,उनके हर आदेश को मानते है ,आपने देखा ही है अभी तो मोदी जी ने सबको परखा है, साहब सिर्फ एक संदेश की बत्ती बुझाओ दिया जलाओ फिर क्या था दिया ,मोमबत्ती, पटाखा ,टॉर्च ,मुंह कई जगह घर और कई जगह पशु तक जल गए कुछ लोग तो इतने आज्ञाकारी निकले कि मशाल जुलूस निकाल दिया माननीय भी शामिल थे आखिर इसमें।खैर मोदी जी की पारखी नजर ने पहचान लिया कि देश में तो सब समझदार लोग हैं दोस्ती का मतलब समझते हैं लिहाज़ा कोई बात नहीं और रही कुछ सरफिरो की बात तो उनकी सुनता कौन है।

अब ख़ास दोस्त ने कुछ इतने हक से मांगा और वह भी न दे सके तो काहे की दोस्ती? कुछ लोगों का कहना है मोदी जी डर गए, कोई कह रहा है भारत का सम्मान कम हुआ ,अरे उन्हें कौन समझाए कि दोस्ती के भी कुछ कायदे होते हैं ,लेकिन एक बात मुझे याद आती हैं बचपन में समझाया जाता था कि शैतान लड़कों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह खर्चा भी आपका कराते हैं और आपको मुसीबत में भी डाल देते हैं,अब अगर इस कसौटी पर दोस्ती को तौला जाए तो हाउडी मोदी में भी खर्चा अपना ,नमस्ते ट्रंप में भी खर्चा अपना और अब संकट के समय और मुसीबत में फंसा दिया।
जियान लाल टीशर्ट में और नोबिता हरी टीशर्ट में।
भाई दोस्त सुपर पावर हो तो डर तो लगता ही है आप कार्टून देखते हैं आजकल लॉक डॉउन के चलते समय काटने का बेहतरीन साधन हैं क्योंकि खबरे तो झूठी है, नफरत से भरी पड़ी हैं, तो बेहतरीन कार्टून देखिए हां तो अपनी बात पर आते हैं एक कार्टून आता है डोरिमान उसमें जो हीरो है नोबिता उसका एक दोस्त हैं जियान जो बहुत ताकतवर है ,लेकिन दोस्त भी है लिहाज़ा नोबिता उससे बहुत डरता भी है उसे जब भी कोई चीज चाहिए होती है एक धमकी में हासिल कर लेता है।
नोबिता और जियान
कुछ समझ आया आपको या नहीं ? यकीनन आ गया होगा लेकिन नोबिता के साथ डोरीमान है और उसके पास जादू है इसलिए जब चाहता है जियान को धूल चटा देता है।
डोरिमान
मोदी जी आपके साथ भी 130 करोड़ लोगों का बाज़ार है ,संसार में किसी देश के पास इतने उपभोक्ता नहीं है जितना हमारे देश में ,आज हमसे कोई नाराज़ होकर नहीं रह सकता जिसे समान बेचना है उसे हमारा सम्मान करना होगा,आपको इस शक्ति का बोध होना चाहिए कि नहीं ?

जिस दवा की मांग की गई है उसकी उपलब्धता क्या हम 130 करोड़ भारतीयों का जीवन बचाने हेतु है या नहीं ? आखिर इसका जवाब कौन देगा?यदि भारत के पास अपनी ज़रूरत भर की भी दवा मौजूद नहीं है तो फिर आनन फानन में यह निर्यात खोलने का फैसला क्यों ?सवाल यह भी है क्या अमेरिकियों की ज़िंदगी सरकार की निगाह में हम भारत के लोगों की ज़िंदगी से ज़्यादा कीमती है सरकार की नजर में?

यह कुछ चुभते हुए सवाल हैं आखिर मामला देश के सम्मान का है इसे किसी भी तरह मानवता का चोला पहनाकर भ्रमित नहीं किया जा सकता ,सवाल राष्ट्र की गरिमा का है देश जानना चाहता है कि दोस्ती की ऐसी भी क्या मजबूरी?
यूनुस मोहानी
younusmohani@gmail.com

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