गुरुवार को हुए आम चुनावों में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टियों के वामपंथी गठबंधनयूनिफाइड मार्क्सवादीलेनिनिस्ट (सीपीएनयूएमएलऔर माओवादी केंद्र (सीपीएनएमसीप्रमुख है और अभी तक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिकअक्टूबर में स्थापित कम्युनिस्ट पार्टियों के गठबंधन ने अब तक प्रारंभिक वोट की गिनती में दोतिहाई की बढ़त ले ली है.

राजशाही के उन्मूलन और गृहयुद्ध समाप्त होने के बादऔर राजशाही से लोकतंत्र तक के संक्रमण को पूरा करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, 2015 में अनुमोदित नए रिपब्लिकन संविधान के तहत यह पहला चुनाव है.

नागरिक’ समाचारपत्र के संपादक गुना राज लुइंतेल ने कहा कि यह लगभग निश्चित है कि वामपंथी गठबंधन ही जीतेगाअभी तक के रुझान ये बताते हैं कि वे दोतिहाई बहुमत जीत सकते हैंअगर ऐसा हुआतो यह वामपंथ की नेपाल में अभूतपूर्व जीत होगी, “लुइंतेल ने कहा.

कम्युनिस्ट गठबंधनप्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका हैनेपाली कांग्रेसजिसे भारत समर्थक माना जाता हैनेपाल के दक्षिणी मैदानों की मधेसी पार्टियों और पूर्व शाहीतंत्र के समर्थक के साथ एक तरह के गठबंधन में है.

रिपोर्ट के अनुसारकम्युनिस्ट पार्टियों के बीच ऐतिहासिक समझौते का गठबंधन नेपाल की कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने के लिए किया गया थाजिसने पहले एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था.

सीपीएनयूएमएल ने छः सीटें हासिल कर ली हैंऔर गिनती 52 सीट तक पहुँच गयी हैजबकि सीपीएनएमसी को एक सीट हासिल हुई है और21 में बढ़त हैचुनाव दो चरणों में हुए – 26 नवंबर और दिसंबरसंसद के निचले सदन में 275 सदस्य हैं और सात प्रांतीय संसदों की 650 सीटें हैं.

2006 मेंविशाल राजनीतिक आंदोलनों और राजा ज्ञानेंद्र के प्रत्यक्ष और अलोकतांत्रिक शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद नेपाल ने अपने239 साल के हिंदू राजशाही शासन को समाप्त कर दिया थापिछले 11 वर्षों में नेपाल में 10 प्रधानमंत्रियों के अदलनेबदलने से लोकतंत्र का संक्रमण धीमा रहा है.

इस साल जुलाई में सीपीएनयूएमएल ने स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण में भारी जीत हासिल की थीहिमालयी देश में पहली बार स्थानीय चुनावों में, 1997 के बाद से एक नए संविधान पारित करने में एक साल तक विलंब के बाद और लंबे समय से चल रहे माओवादी विद्रोह के बाद लोकतंत्र को बहाल करने के लिए सरकार द्वारा एक प्रयास किया गया था.

राजनीतिक विश्लेषक पुराणंजन आचार्य ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि चुनाव के परिणाम पार्टी की केंद्रीय कमांड की सफलता को दर्शाते हैं,”.

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