इंडियन मुस्लिम अवर्नेस मूवमेंट ने जिसका अभी हाल में ही गठन हुआ है आल इंडिया मजलिसे मुशावरत द्वारा कल नई दिल्ली में बे मौका और गलत समय पर बुलाई गई मीटिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संगठन अब तक मुसलमानों के मुद्दे पर ख़ामोश था अचानक कहां से आ गया,IMAM द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि मजलिसे मुशावरत द्वारा बुलाई गई इस औचक बैठक में शामिल होने वाले ऐसे कई मजहबी रहनुमा थे जो मौजूदा वक़्त में आरएसएस के चहीते है और इनमें से कुछ सत्ताधारी दल और आरएसएस के हमदर्द हैं। संगठन जमीयत उलमा हिन्द के कार्यालय में हुई इस मीटिंग पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के सौदेबाजी का संदेह आम आदमी कर रहा है जो चिंता का विषय है।
इमाम ने आगे कहा कि हम अमन और सौहार्द बनाए रखने की अपील का स्वागत करते हैं और हम भारत के सभी नागरिकों से यह अपील करते हैं न कि सिर्फ मुसलमानों से कि वह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले फैसले का सम्मान करें और इतिहास में दर्ज होने जा रहे इस पल को आइडिया ऑफ इंडिया के साथ खड़े रहते हुए शांति से गुजर जाने दे।
यह वक्तव्य इंडियन मुस्लिम अवरनेस मूवमेंट के सभी सदस्यों अशहर हाशमी,जहांगीर आदिल अलीग , यूनुस मोहानी,प्रोफेसर आरीफुल इस्लाम, र्डॉक्टर नजर अब्बास,औरंगज़ेब अरमान,वक़ार अहमद,मोहम्मद यूनुस,मंज़र जमील,अब्दुल मुईद अजहरी, नवाब अतिकुज्जमा,महर आलम,हुसैन शैरानी,मुश्ताक मलिक, रियाज़ अहमद आतिश,प्रोफेसर नायब अली,रज़ीउल्लाह, वकार ख़ान,इमामुल हक, सुहैल अहमद, मोहम्मद शमशाद,शौकत अली, डॉक्टर नय्यर हबीब, शाहिद अख्तर, ने गहरे विचार के बाद जारी किया जिसमें कहा गया कि जमीयत और मजलिसे मुशावरत के जरिए हुई इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला सिवा मुसलमानों से अमन की अपील की गई न भारत सरकार को और न ही भारत के माननीय न्यायालय को कोई संदेश दिया गया जो धोखा सा लगता है।
IMAM द्वारा कहा गया कि हम बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी और अन्य मुस्लिम पक्ष के वकीलों से उम्मीद करते हैं कि वह माननीय न्यायलय से कहेंगे कि वह फैसला सुनाने से पहले भारत सरकार एवम् अन्य राज्य सरकारों से आश्वासन ले कि हर हाल में भारत में शांति स्थापित रखी जाएगी और सरकार इस मुद्दे को बड़ी गंभीरता से लेगी और शांति बहाल रखने के लिए जहां आवश्यक हो वहां पैरा मिलिट्री फोर्स और अतिसंवेदशील जगहों पर मिलिट्री को तैनात किया जाए।आइएमएएम ने स्पष्ट तौर से कहा कि मुस्लिम समाज देश में अमन कायम रखने के लिए पूरी कोशिश करेगी लेकिन सरकार को कमजोर तबकों की सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध करने चाहिए।

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