यूनिसेफ के मध्यपूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक का कहना है कि यमन में युद्ध ने पूरे देश को बच्चों के लिए नरक बना दिया है। क्षेत्रीय निदेशक गीर्ट कैप्पेलियर ने इस रविवार को संवाददाता सम्मेलन में यमन में मानव निर्मित आपदा के बारे में बात की। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, यमन में 1.4 करोड़ लोग यानी देश की आधी आबादी भुखमरी के हालात से गुजर रही है।
कैप्पेलियर ने यमन की यात्रा के बाद जॉर्डन के अम्मान में कहा,”यमन में आज बच्चों के लिए जीना दुश्वार हो गया है। यह देश सिर्फ 50 से 60 फीसदी बच्चों के लिए ही नरक नहीं बन गया है बल्कि हर बच्चे और बच्ची के लिए नरक बन गया है।”
यूनिसेफ क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, “मैंने होदेदिया बंदरगाह का दौरा किया। यह बंदरगाह यमन की 70 से 80फीसदी आबादी की जीवनरेखा है। होदेदिया बंदरगाह के कारण ही यहां व्यावसायिक व मानवीय आपूर्ति होती है।”
शनिवार से होदेदिया के आसपास लड़ाई तेज हो गई है। हौती विद्रोहियों नें होदेदिया के साथ-साथ राजधानी सना पर भी नियंत्रण कर लिया है।
सरकारी टेलीविजन की रविवार की खबर के मुताबिक, 50 से ज्यादा हौती विद्रोही और सरकार समर्थक 17लड़ाके इस झड़प में मारे गए लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह मौतें कब हुई।
आपको बता दें कि यमन काफी समय से हिंसा का शिकार है और लाखों लोग भुखमरी का शिकार हैं। पिछले दिनों भुखमरी की शिकार एक सात साल की बच्ची अमाल हुसैन की तस्वीर दुनियाभर में वायरल हो रही है।यह तस्वीर न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी है और इस तस्वीर को पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटोग्राफर टेलर हिक्स ने लिया है। ये बच्ची यूनीसेफ के मोबाइल क्लीनिक में भर्ती थी। इस तस्वीर ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है। इस तस्वीर से साफ है कि यमन में क्या हालात हैं। आपको बता दें अरब देशों में यमन सबसे अधिक गरीब है। यह देश 2014 से ही युद्ध का सामना कर रहा है।