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एक बड़ा सवाल है हम भारत वासियों के सामने क्योंकि हमारी संस्कृति में नमक का बड़ा अहम स्थान है ,भारत के लोग नमक का कर्ज़ मानते हैं और जिसका नमक खाते हैं उसके साथ छल करने पर उन्हें नमक हराम कहा जाता है,एक समय था जब नमक की बोरियां दुकानों के बाहर रखी रहती थी लेकिन कोई मजाल है नमक की एक कंकड़ी भी चुरा ले ,चोर भी इसका भरम रखते थे ,वैसे जैसे जैसे देश बदलने लगा नमक की कीमत भी हो गई अब नमक ने दुकानों की रैक में स्थान पा लिया है अब यह कैसे समझा जाए कि नमक की तासीर बदल गई है या फिर लोगों की नियत ?

वैसे पहले के नमक और अबके नमक में फर्क भी आया है अब नमक मिलावट वाला आता है बताया जाता है आयोडीन युक्त आता है अब हम कोई वैज्ञानिक तो नहीं लेकिन यही उसपर लिखा होता है वैसे सिर्फ एक तरह का नही अब बाजार में कई तरह का नमक मौजूद है ,हृदय और रक्तचाप जैसे रोग से ग्रस्त लोगों के लिए अलग नमक भी आता है।
खैर नमक का धर्म से भी रिश्ता है और 7 तरह के दान में नमक का भी अपना स्थान है सुबह के समय नमक दान का महत्त्व है वहीं वास्तुशास्त्र में नमक का महत्त्व है घर में पति पत्नी के मध्य मधुर संबंध के लिए या दुर्भाग्य को हटाने के लिए वैसे भी नमक नज़र उतरने में भी उपयोग होता है और व्रत में सेंधा नमक खाया जाता है यह सारी बात तो नमक की है।

जी हां वही नमक जो गुजरात में देश के कुल नमक उत्पादन का 76% बनता है हालांकि कई अन्य प्रदेशों में भी नमक का उत्पादन होता है जैसे तमिलनाडु,महाराष्ट्र ,राजस्थान लेकिन नमक का महत्व तो गुजरात के नमक से है गुजरात ही तो वह प्रदेश है जहां 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गांधी जी ने दांडी यात्रा शुरू की और 400 किलोमीटर की पद यात्रा नवसारी ज़िले के दांडी में 6 अप्रैल 1930 को समुद्र तट पर जाकर रुकी जहां गांधी जी ने एक मुट्ठी नमक बना कर ब्रिटिश सरकार का नमक कानून तोड़ा इसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया उनके साथ 60 हजार लोगो को गिरफ्तार किया गया इस नमक आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई उर्जा दी।

नमक आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत द्वारा नमक पर बहुत अधिक कर लगा देने की वजह से हुआ हालांकि नमक पर कर पहले भी लिया जाता था लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने इसे बहुत अधिक बढ़ा दिया और भारतीय तटवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के नमक बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे बहुत महंगा नमक बिकने लगा और गरीब जनता को परेशानी होने लगी आप समझ गए होंगे मुद्दा महंगाई थी क्योंकि गुजरात का नमक महंगा हो गया था और गरीब जनता की पहुंच से दूर होने लगा था।

आइए अब बात करते हैं आज़ाद भारत की जहा महंगाई से जनता त्रस्त है ,बेरोजगारी चरम पर है और नमक और महंगा हो चला है 11 अगस्त 2022 को एक खबर आई कि टाटा कंज्यूमर्स प्रोडक्ट यानी वह कंपनी जोकि टाटा नमक बनाती है जल्द ही नमक के दाम बढ़ाने वाली है जिसने दिल को डरा दिया उफ्फ अब नमक भी, खैर नमक महंगा है लेकिन इतना नहीं के ज़ख्मों पर न छिड़का जा सके लिहाजा देश की महामहिम राष्ट्रपति जी ने देश को याद दिलाया है कि देश में 75% लोग गुजरात का नमक खाते हैं!! अब सवाल पैदा होता है कि नमक गुजरात का है या भारत का ?

गुजरात भारत का ही एक राज्य है और गुजरात के ही हैं वह महानुभाव जिनपर देश के बैंकों द्वारा बांटे गए कर्ज का बहुत बड़ा भाग है हालांकि यह बात और है कि देश की संपत्तियों को ही देश के बैंक से कर्ज लेकर खरीदा जा रहा है इस प्रकार देश का पैसा देश में घूम रहा है और सब संतुष्ट हैं कि चलो देश का धन कोई बाहर वाला नहीं ले जा रहा अब सबका नाम लेना जरूरी तो नहीं बस ऐसा समझ लीजिए कि मित्रमंडली के ही लोग हैं बाकी अगर किसान पर कर्ज होता तो बैंक वसूल लेती बड़े लोगों के नमक का कर्ज़ चुकाया जा रहा है।

हालांकि गुजरात में जो रोटी बनती है वह नमक की नही होती गेहूं के आटे से बनती है जिसका लगभग 32.34% उत्तर प्रदेश में पैदा होता है बाकी पंजाब मध्यप्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों से जाता है लेकिन रोटी का कोई कर्ज नहीं होता कर्ज तो नमक का है जिसे अदा करना है,चावल पश्चिम बंगाल,उत्तर प्रदेश और पंजाब मिलाकर 36% कुल उत्पादन का उगाते हैं जिसे गुजरात में भी खाया जाता है लेकिन कभी मजाल है किसी ने चावल पर एहसान जताया हो।

खैर जाने दीजिए साहब यह सब आंकड़े बाजी में कुछ नहीं रखा सीधी बात की जाए आप भी समझिए क्या वाकई हम सब को नमक का कर्ज़ उतारना है ? क्या गुजरात भारत में नहीं ? या यह कोई चुनावी जुमला है ? यदि हां तो सवाल यह है क्या भारतीय जनता पार्टी अब मूल रूप से गुजरात का ही प्रतिनिधित्व करती है ?क्योंकि कभी किसी गुजरात में रहने वाले भारतीय ने नमक का ताना नहीं मारा बल्कि महात्मा गांधी ने देश को नमक बनाने का अधिकार अंग्रेजों से छीन कर दिया अब फिर देश में नमक का जिक्र छिड़ा है।
वैसे भी देश नमक के कर को चुका रहा है और यह रोज महंगा होता जा रहा है जीएसटी का नाम आपने सुना होगा और इसे आप चुका भी रहे हैं अब एक और जीएसटी को अदा करना है समझें ? गुजरात साल्ट टैक्स अर्थात गुजरात नमक कर समझ गए क्या ??

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