17 जनवरी /नई दिल्ली –आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहमम्द अशरफ किछौछवी ने पत्रकारों को बताया कि आगामी 28 जनवरी 2019 को बोर्ड लखनऊ के इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में एक सम्मलेन आयोजित कर रहा है जिसका नाम सामजिक न्याय सम्मलेन होगा .उन्होंने बताया कि इस सम्मलेन में बोर्ड के पूरे भारत से सभी ज़िम्मेदार शिरकत करेंगे जिनमे देश की तमाम खानखाहों के सज्जादानशीन और उलमा के साथ ही मुस्लिम बुद्धिजीवी लगभग 1500 की तदाद में देश के मौजूदा हालात और मुस्लिम समाज के मसायल पर चर्चा करेंगे और उसके हल के लिए एक एजेंडा तय करेंगे .
उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ हमारे तुष्टिकरण का ढिंढोरा पीटा गया है हमारे समाज के विकास के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बनायीं गई यहाँ तक कि अपने घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी मायूसी ही हमारे हिस्से में आई है लिहाज़ा इस सूरते हाल को देखते हुए सर से सर जोड़कर अब हमें एक ऐसा कार्यक्रम बनाना होगा जिससे देश के विकास में हमारे युवा भी बारबर के शरीक हों ,हज़रात ने कहा कि प्रतिभाओं कि कमी नहीं है लेकिन सही दिशा में प्रयास न होने से नाकामी का बोझ कौम पर बढ़ रहा है .
हज़रत ने कहा कि हुकूमते हिन्द ने 10% आरक्षण सवर्ण जातियों को तो दे दिया लेकिन संविधान की मूल भावना को विरूद्ध आर्टिकल 341 पर प्रतिबन्ध को समाप्त नहीं किया जो मुसलमानों के पिछड़ेपन का एक कारण है हमें इसके लिए भी बड़ी लडाई लड़नी है जिसपर भी सामाजिक न्याय सम्मलेन में विस्तृत चर्चा होगी और आने वाले समय के लिए रणनीति तय करी जाएगी .
मुसलामानों की शिक्षा भी एक बड़ा मसला है मदरसा बोर्ड में जिस तरह के लोग बैठाले गए हैं उनसे एक बड़ा नुक्सान मुसलमानों को हो रहा है वहीँ मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का वेतन भी नहीं दिया जा रहा है जिससे उनकी ज़िन्दगी दूभर हो गई है इन विषयों पर भी सम्मलेन में व्यापक चर्चा के बाद रणनीति बनायीं जाएगी .