आज आप सब उम्मीदों का जहां लुटता हुआ शांति से अपनी टीवी स्क्रीन पर देख रहे थे हर बीतते हुए पल के साथ सपनों के महल धराशाही हो रहे थे ,देश के सकल घरेलू उत्पाद को कैसे बढ़ाया जाय इसपर कोई बात हो न हो लेकिन बाकी हर क्षेत्र में वित्त मंत्री महोदया अपना पूरा ज्ञान देश को दे रहीं थीं और फिर बताया गया कि अब तक देश का विश्वास जीवन बीमा निगम भी बिकेगा ,सिर्फ इतना ही नहीं आई डी बी आई का नंबर भी आ गया है और ऐलान भी हो गया।
इधर शब्द मुंह से निकले उधर सोशल मीडिया ने हंसी ठिठोली का काम शुरू कर दिया कहा गया कि अगर भारतीय जीवन बीमा निगम को पहले पता होता कि यह दिन आने वाला है तो पहले अपना बीमा कर लेती,खैर यह हास्य परिहास का विषय नहीं है और न ही यह बाते हास्य कवि सम्मेलन में होती हैं यह सब देश की संसद में हुआ करोड़ों आंखें साक्षी बनी,लोगों को उम्मीद थी कि कुछ प्रयास होंगे भारत के लोगों की खुशहाली के लिए मगर हुआ क्या झूठ जैसे लगने वाले बड़े बड़े वादों के?
बेरोजगारी एक त्रासदी बनती जा रही है और देश के युवाओं को बताया गया कि 100 रूट्स पर 150 निजी ट्रेनों का संचालन किया जाएगा तारीफ की बात यह है कि यह निजी ट्रेन उन्हीं ट्रैक पर सरपट दौड़ेंगी जिसपर गरीबरथ जैसी ट्रेन चलती है लेकिन यह निजी ट्रेन लेट नहीं होंगी अगर लेट हुई तो यात्रियों को मुआवजा देना होगा वाह भाई वाह निजी ट्रेन सरकारी पटरियों पर दौड़कर लेट नहीं होगी लेकिन सरकारी ट्रेन उसी ट्रैक पर कभी वक़्त पर नहीं पहुंचेगी आप इतने समझदार तो हैं न कि बात समझ सके ।
यह वैसा ही है जैसा बीएसएनएल की दुर्दशा ,कुछ आंखे खुली नहीं न ,तो सुनिए हर जगह बीएसएनएल का नेटवर्क टॉवर टेलीफोन एक्सचेंज लेकिन उसकी सर्विस सबसे खराब और वही संसाधन इस्तेमाल करके निजी टेलीकॉम कंपनियों की बल्ले बल्ले और अब यह बीएसएनएल बिक रहा है,आपको खरीदना तो नहीं है न ?
ओएनजीसी का नाम सुना है अरे आप जानते तो हैं जिसने बड़ा मुनाफा कमाया है कच्चा तेल सस्ता हुए ज़माना हो गया मगर यहां तो बढ़ता ही जा रहा है मगर फिर भी बिकना है ,एयरपोर्ट बिक रहे हैं अब तो लालकिला भी हमारा नहीं ,लीज तो नाम की है उसे बिका मानिए जनाब , एच. ए.एल. कितना निकम्मा है कोई काम नहीं कर सकता इसलिए अदानी को पनडुब्बी बनाने का ठेका दे दिया है ईमानदार हाथों में यह काम ज़रूरी था लिहाज़ा अदानी डिफेंस को 45 हज़ार करोड़ रुपए का ठेका दिया गया,रेलवे में तेल पहुंचाने का काम डूबे हुए छोटे अंबानी बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
गेल,भेल सब बिकेगा रेलवे स्टेशन बिक रहे हैं,एयरइंडिया सेल में है पैसा फेंको तमाशा देखो वैसे जबसे योजना आयोग नीति आयोग बना है देश के विकास को पंख लग गए हैं यही वजह है विकास ज़मीन पर दिख नहीं रहा वह तो पंखों के सहारे शायद आसमान में है,नीति आयोग ने सरकारी जिला अस्पताल को निजी हाथों में सौंपने का मसौदा तैयार करके दे दिया है,धीरे धीरे सब बस बिक रहा है आप युवा हैं तो घर बेच कर तमाशा देखिए क्योंकि सरकारी नौकरी तो तब मिलेगी जब कुछ सरकारी बचेगा अब तो सब निजी है तो खेत बेचिए और बोली लगाइए हो सकता है आपके हिस्से में भी कुछ आ जाए।
आपको लग रहा होगा मै सरकार के विरोध में यह सब कह रहा हूं क्योंकि सरकार के पास अपने तर्क हैं इस बिकावली के लिए हर जगह आपकी बेहतरी की बात है सोचना आपको है कि किसकी सुनेगे क्योंकि वैसे भी सुनने से कुछ मिलेगा नहीं ।अब युवा गोली चलाने का हौसला जुटा चुका है देखिए दिल्ली में पुलिस के सामने चला दी न, आखिर यह देश के किसानों के गरीबों के बेटे है किसी नेता के नहीं जो अमेरिका में पढ़ रहे हों ,या बीसीसीआई में पैसा पैसा देखें यह तो गरीब,भटके हुए बेरोजगार ही हैं ।
अब जगह जगह यही हाल है आपको पता है देश के 27 करोड़ गरीबों को सरकार ने गरीबी के दलदल से निकाल लिया है,मगर योगी जी के राज्य उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले में एक मां ने अपनी चार बेटियों के साथ गरीबी की वजह मौत को चुन लिया यह घटना बजट के दूसरे दिन सुर्खियों में अाई।यह सिर्फ अकेली घटना नहीं है दिल्ली में चुनाव चल रहा है योगी जी दिल्ली की बेटियों को सुरक्षा देने का वादा कर रहे थे तभी लखनऊ से सटे बाराबंकी में एक दरिंदा एक बेटी का सर काटकर हाथ में लिए हुए भारत माता की जय का नारा लगाता बेपरवाह सड़क पर चहलकदमी करते हुए देखा गया।
अब देखिए तो सही महिलाएं सड़कों पर है ,युवा बेरोजगार हैं,किसान बेहाल,दुकानदार परेशनहाल,
नेता जी मज़े में हैं आखिर किस्तों में बिक रहा है भारत।
बस धैर्य रखिए अभी इसरो नहीं बिका है आप पैसे जमा कीजिए सरकार को ज़रूरत है बाकी आप समझदार हैं।
जय हिंद।
यूनुस मोहानी
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