6 फ़रवरी ,लखनऊ ,विगत 36 महीनों से वेतन न मिलने पर समस्याओं से जूझ रहे मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक अलग अलग संगठन बना कर अपनी लडाई को लड़ रहे थे जिससे आपस में एक संवाद हीनता की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी और लडाई शिथिल पड़ रही थी .

आल इंडिया उलमा व मशायख बोर्ड ने इनकी लड़ाई को अपना समर्थन देते हुए जहाँ 28 जनवरी को सामाजिक न्याय सम्मलेन से इस आवाज़ को ज़ोरदार तरीके से उठाया वहीँ बड़ा क़दम उठाते हुए सभी संगठनों के प्रमुखों से मिलकर उनके विचारों को सुना बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने एक संयुक्त मोर्चा बनाकर सभी संगठनों से इसमें सदस्य रहने का प्रस्ताव रखा जिसके माध्यम से लड़ाई को एकजुटता के साथ लड़ा जा सके और संवादहीनता की जो स्थिति पनप रही है उसे रोका जा सके .
हज़रत के इस प्रस्ताव को सभी बड़े संगठनों से स्वीकार किया और प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर अपनी मजूरी दी यह इस लड़ाई को लड़ने वाले सभी शिक्षकों की पहली जीत है और जल्द ही उनकी समस्या का समाधान निकलने की ओर पहला क़दम है .
उत्तर प्रदेश में इन शिक्षकों की संख्या लगभग 30 हज़ार है जिनको एक संयुक्त मोर्चा बना कर एकजुट किया गया है .

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